दिन में काम सोने नही देता,
रात में एक नाम सोने नही देता।।
Category: Urdu Shayri
अजीब भूल है तुम्हारी
तुमहे भूलेंगे और वो भी हम??
उफ्फ़ कितनी अजीब भूल है तुम्हारी।।
मोहब्बत आज भी
मोहब्बत आज भी करते है एक दूसरे से,
पर बताते अब वो भी नहीं और जताते हम भी नहीं।।
सारा जंगल तलाश कर
सारा जंगल तलाश कर डाला,
सांप अपनी ही आस्तीन में मिला।।
मिले थे एक अजनबी बनकर
मिले थे एक अजनबी बनकर,
आज मेरे दिल की जरूरत हो तुम।।
तुझसे मेरा रिश्ता
तुझसे मेरा रिश्ता क्या है,मालूम तो नही मगर,
तेरे लिए दुआ माँगना,
न जाने क्यो अच्छा लगता है..!!
दिलों कि बात
दिलों कि बात भले ही करता हो ज़माना लेकिन,
आज भी मुहब्बत चेहरों से ही शुरू
होती हैं..
खुशनसीब कुछ ऐसे हम
खुशनसीब कुछ ऐसे हम हो जायें,
तुम हो हम हो और इश्क़ हो जायें।।
उन्हे कोई और भी
उन्हे कोई और भी चाहे..
इस बात से हम थोङा- थोङा जलते हैं…!
ग़ुरुर है हमें इस बात पर..कि
सब हमारी पसंद पर ही क्यूँ मरते हैं|
चेहरा पढ़ कर
चेहरा पढ़ कर मेरा
आज आयना भी
पूछता है मुझसे ये सवाल
तू कल फिर नहीं
सोया रात भर..