उस शख्स में बात ही कुछ ऐसी थी,
दिल नहीं देते तो जान चली जाती..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
उस शख्स में बात ही कुछ ऐसी थी,
दिल नहीं देते तो जान चली जाती..
ये मत सोचो तुम छोङ दोगे तो हम मर जायेँगे ,
वो भी जी रहे है जिनको तेरी खातिर हमने छोङा था .
अजीब तरह के इस दुनीया में मेले है,
दीखती भीड़ है और चलते सब अकेले है..!!
दुनिया तो टूटते हुए तारे से भी दुआ मांगती हैं,
कौन कहता है बरबादी किसी के काम नहीं आती
जिदंगी पर बस इतना लिख पाया हूँ ” मैं ”,
बहुत मजबूत ” रिश्ते ” थे कुछ कमजोर लोगों से
सुना है तुम तक़दीर देखने का हुनर रखते हो,
मेरा हाथ देखकर बताना,पहले तुम आओगे या मौत
लोग कहते हैं कि समझो तो खामोशियां भी बोलती हैं,
मैं अरसे से खामोश हूं और वो बरसों से बेखबर है…
सिखा दिया ‘तुने’ मुझे… अपनों पर भी ‘शक’ करना..
मेरी ‘फितरत’ में तो था… गैरों पर भी ‘भरोसा’ करना!!
तेरे संग रातों मैं चाँद को
ताकते रहना
बिखर कर अब तो तारे हो गई वो यादे…।
भूल सकते हो तो भूल जाओ इजाज़त है तुम्हे,
ना भूल पाओ तो लौट आना,
एक और भूल की इजाज़त है तुम्हे…!