मेरे दिल की ख़ामोशी

मेरे दिल की ख़ामोशी पर मत जाओ दोस्तों, क्यूंकि राख के नीचे अक्सर आग दबी होती है!!

रोने की वजह न

रोने की वजह न थी हसनेका बहाना न था क्यो हो गए हम इतने बडे इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था!

सुनो मुझको खो

सुनो मुझको खो दोगी तो पछताओगी बहुत …! ये आखरी गलती तुम बहुत सोच-समझ कर करना …!!

सोने से पहले

सोने से पहले तुम्हे याद करलु कोई दुआ हो जैसे पूरी करलु

ना जाने कौन

ना जाने कौन मेरे हक में दुआ पढ़ता है डूबता भी हु तो समन्दर उछाल देता है…

क्या खूब मेरे

क्या खूब मेरे क़त्ल का तरीका उन्होंने इजाद किया मर जाऊं हिचकियों से, इस कदर उन्होनें हमें याद किया

फिर पलको पे

फिर पलको पे ठहर गई नमी..!! दिल ने कहा बस”एक तेरी कमी

बस दिलो के

बस दिलो के अल्फाज़ो कलम से उकेर देते है, लोग मुशायरा समझ,तारीफ़ कर देते है….

कुछ तो मन

कुछ तो मन और आँखों में पलती हैं, कहानिया सब कहाँ कागजों पे उतारी है!!!

महफील भले ही

महफील भले ही प्यार करने वालो की हो, उसमे रौनक तो दिल टुटा हुआ शायर ही लाता है..

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