ना मुमकिन है इसको समझना,
दिल का अपना ही मिज़ाज़ होता है..!!
Category: Urdu Shayri
किस्मत बुरी या मैं
किस्मत बुरी या मैं बुरा, ये फैसला ना हो सका;
मैं हर किसी का हो गया, कोई मेरा ना हो सका!
तुम्हारा जिक्र हूआ
तुम्हारा जिक्र हूआ तो महफिल तक छोड़ आए हम गैरो के लबों पर हमें तो तुम्हारा नाम तक अच्छा नही लगता !!
शीशे में डूब
शीशे में डूब कर पीते रहे
उस जाम को कोशिशें की बहुत मगर भुला न पाए
एक नाम को…
सङक पर निकल आता
मैं अक्सर रात में यूं ही सङक पर निकल आता हूँ यह सोचकर..
कि कहीं चांद को तन्हाई का अहसास न हो …
ए दुश्मनो उठाओ हाथ
ना तबीबों की तलब है न दुआ मांगी
है नी मैं जां हु बस तेरे दामन की हवा मांगी है ए दुश्मनो उठाओ हाथ मांगो जिन्दगी मेरी।
क्यों की दोस्तों ने मेरे मरने की दुआ मांगी है
टिफिन लिए दफ्तरों
टिफिन लिए
दफ्तरों की तरफ बढ़ते लोग,
इनमें खाना नहीं फिक्र भरी है ढेर
सारी..!!
Tum Se Milne
Tum Se Milne Ki Tamana Tu Kab Se Dil
Main Thi…!!!
!!!…Meri Hasrat, Teri Fursat Ki Talabgaar Hi
Rahi….
ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का है नाम
ज़िंदगी
ज़िंदा-दिली का है नाम……
,
,
मुर्दा-दिल क्या ख़ाक जिया करते हैं….
………….
अगर तुम्हें खुशियाँ
अगर तुम्हें
खुशियाँ मिलने लगें तो, तीन
चीज़ मत भूलना..,..”अल्लाह को”,
उसकी “मखलूक को”, और
“अपनी
औकात” को..!!