कुछ इस तरह से हमने पूरी क़िताब पढ़ ली….
ख़ामोश बैठी रही ज़िंदगी…चाहतों ने पन्ने पलट दिए….
Category: Urdu Shayri
पहली शर्त है
मुस्कुराओ….
क्योंकि यह मनुष्य होने की पहली शर्त है।
एक पशु कभी भी नहीं मुस्कुरा सकता।
क्रोध में दिया
मुस्कुराओ…..
क्योंकि क्रोध में दिया गया आशीर्वाद भी बुरा लगता है
और मुस्कुराकर कहे गए बुरे शब्द भी अच्छे लगते हैं।
ऐसा नहीं कि
ऐसा नहीं कि कहने को कुछ नहीं बाकी,
मैं बस देख रहा हूँ क्या ख़ामोशी भी समझते हैं सुनने वाले…!
मुद्दतों बाद ये
मुद्दतों बाद ये दस्तक कैसी,,
ज़रूर कोई मतलबी होगा!!
वो शख्स भी
वो शख्स भी क्या अदब से डूबा,
दरिया सामने था और तलब से डूबा….
यू गलत भी
यू गलत भी नहीं होती ,चेहरे की तासीर साहिब
लोग बैसे भी नहीं होते,जैसे नजर आते है
आओ एक मुलाकात
बहुत खामिया निकालने लगे हो आजकल मुझमे,
..
आओ एक मुलाकात “आईने” से जरा तुम भी कर लो..।।
अभी तो बहुत दूर
अभी तो बहुत दूर तक जाना है कई रिश्तों को भुलाना है
मेरी मंजिल है बहुत दूर क्योंकि मुझे तो अलग पहचान बनाना है ।
जिंदगी चाहिए
पता है … लाश पानी में क्यों तैरती हैं …??
क्योंकि डुबने के लिए जिंदगी चाहिए