शोहरत की आरज़ू ने किया बेवतन हमें,
इतनी बढ़ी ग़रज़ कि उसूलों से हट गए।
Category: Urdu Shayri
हुनर सीख लो
खुद पर भरोसा करने का हुनर सीख लो,..
…
सहारे कितने भी सच्चे हो एक दिन साथ छोड़ ही जाते हैं.
लो अपना बना कर..
सुनो… तुम ही रख लो अपना बना कर..
औरों ने तो छोड़ दिया तुम्हारा समझकर..!!
जो फरेबी हैं
सियासत हो या मोहब्बत…”यारो…!”..
जीतता वही हे जो फरेबी हैं….!
प्यास तो मर कर भी
प्यास तो मर कर भी नहीं
बुझती ज़माने की,
मुर्दे भी जाते जाते गंगाजल का घूँट मांगते है”..
इतना आसान नहीं
रात भर गहरी नींद आना इतना आसान नहीं…
उसके लिए दिन भर “ईमानदारी” से जीना पड़ता हैं….!!
हमसे इश्क़ करके
परेशां है वो हमसे इश्क़ करके
वफादारी की नौबत आ गई है….
अपने बेजान चेहरे
न दिल न ज़ज्बे न जोशे उल्फत,
तकल्लुफन मुस्करा रहा है.
वो अपने बेजान चेहरे पे,
जानदार चेहरे सजा रहा है.
परेशान हुआ है
मुद्दतों बाद आज फिर परेशान हुआ है ये दिल ….,,,
ना जाने किस हाल मै होगा
मुझसे रूठने वाला !!
वो खुदा से
वो खुदा से क्या मोहब्बत कर सकेगा..!
जिसे नफरत है उसके बनाये बन्दों से..!