जल जाते है मेरे अंदाज से मेरे दुश्मन….
क्योंकि एक मुद्दत से मैंने न प्यार बदला और न दोस्त…
Category: Urdu Shayri
अंदाज़ ऐ मोहब्बत
अंदाज़ ऐ मोहब्बत है बड़ा नटखट सा उन का…
बांहों में गिर कर कहते हैं सम्भालो हम को….
तूने तो लाखों की
ख़ुदा तूने तो लाखों की
तकदीर संवारी है…
मुझे दिलासा तो दे,
के अब मेरी बारी है…!!!!
मनुष्य के स्वभाव
सुधरना-बिगडना मनुष्य के स्वभाव पर निर्भर करता है
ना की माहौल पर l
रामायण में दो पात्र हैं
विभीषण और कैकयी !
ंविभीषण रावण के राज्य में रह कर के भी नही बिगडा
और
कैकयी राम के राज्य में रहकर भी नही सुधरी l
आसमान को कुचल
मत पूछिये हद,
गुस्ताखियों की।
हम रख कर ज़मीं पर आईना
आसमान को कुचल देते हैं।
इस दुनिया में
इंसानों की इस दुनिया में, बस यही तो इक
रोना है…
जज़्बात अपने हों तो ही जज़्बात हैं, दूजों के
हों तो खिलौना हैं….
आपको कोई अच्छा
आपको कोई अच्छा इंजीनियर मिले तो बताना,
मुझे इंसान से इंसान को जोड़ने वाला पुल बनाना है।
प्यार भी न जाने
प्यार भी न जाने अब किस किस्म का होने लगा, रुह से ज्यादा सजदा अब जिस्म का होने लगा
लाखों की तकदीर
ख़ुदा तूने तो लाखों की
तकदीर संवारी है…
मुझे दिलासा तो दे,
के अब मेरी बारी है…!!!!
बस दो आँखें….
किसी ने पूछा कौन याद आता है अक्सर तन्हाई में.
हमने कहा कुछ पुराने रास्ते खुलती ज़ुल्फे और बस दो आँखें….!!