मुझे जानू कहने वाली गर्ल फ्रेंड
नही भी मिली तो चलेगा पर…….
मुश्किल वक़्त पे भाई कहने वाला दोस्त होना चाइये….
Category: Urdu Shayri
नही है शिकवा
नही है शिकवा हमे किसी की बेरुखी से..
शायद हमे ही नही आता दिलो में घर बनाना..
मेरी सादगी से
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर…!!
पैसौ की अमीरी तो आम बात है ..
दिल की अमीरी खुदा किसी किसी को देता है.
खुद को इश्क से
वो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफूज समझती रही,
नादान इतना नही समझी कि इश्क चेहरे से नही नजरों से शुरू
होता है..!!
चलो छोड़ दो
चलो छोड़ दो मुझकों मग़र इतना तो बता दो
की तुम मुझें याद करते थे या वक़्त बर्बाद करते थे !!!
प्यार उम्मीद से
तुम आओ और कभी दस्तक तो दो इस दिल पर,
प्यार उम्मीद से काम हो तो सजा ए मौत दे देना..
कुछ दिन के लिए
कुछ दिन के लिए रूठ के अच्छा किया हुजूर…
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जितने अधूरे काम थे,निपटा दिए हमने………
दोस्तों से भरे
तू देख कि तुझसे इश्क करने में मुझे कैसे जीना पड़ गया
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दोस्तों से भरे शहर में दीवारों से लिपट कर रोना पड़ गया
कहीं भी नहीं मिले
आखिर थक हार के, लौट आया मैं बाजार-ए – दुनिया से
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कि यादों को बंद करने के ताले, कहीं भी नहीं मिले___!!
मोहब्बत नहीँ करतेँ..
ना शौक दीदार का… ना फिक्र जुदाई की,
बड़े खुश नसीब हैँ वो लोग जो…मोहब्बत नहीँ करतेँ…!!