रहे दो दो फ़रिश्ते साथ अब इंसाफ़ क्या होगा
किसी ने कुछ लिखा होगा किसी ने कुछ लिखा होगा
Category: Urdu Shayri
आज इतना महसूस किया
आज इतना महसूस किया खुद को
जैसे लोग दफन कर के चले गए हो मुझे|
बेअसर कहाँ होती है
बेअसर कहाँ होती है दुआ कोई भी…
या उसकी कुबूल होती है या मेरी कुबूल होती है!!
कभी किसी से
कभी किसी से प्यार मत करना!
हो जाये तो इंकार मत करना!
चल सको तो चलना उस राह पर!
वरना किसी की ज़िन्दगी ख़राब मत करना!
जितना देखो उसे
जितना देखो उसे थकती नहीं आँखें वर्ना
ख़त्म हो जाता है हर हुस्न कहानी की तरह…
मत पूछों मुझसे
मत पूछों मुझसे मोहब्बत का हिसाब,
मैंने कतरों-कतरों में समन्दर बहाया है…
जो नजर से
जो नजर से गुजर जाया करते हैं,
वो सितारे अक्सर टूट जाया करते हैं,
कुछ लोग दर्द को बयां नहीं होने देते,
बस चुपचाप बिखर जाया करते हैं|
अलविदा कहते हुए
अलविदा कहते हुए जब मैंने
मांगी उससे कोई निशानी
वो मुस्कुरा के बोले मेरी जुदाई ही
काफ़ी हैं तुझे रुलाने के लिए..!!
मेरी मसरूफियत के हर लम्हे
मेरी मसरूफियत के हर लम्हे में शामिल है उसकी यादेँ…सोचो मेरी फुरसतों का आलम क्या होगा..
खुशबू बनूं तेरी
खुशबू बनूं तेरी रूह की ,
महका दे तू मुझे |खो जांऊ मैं तुझमें ,
अपनाले तू मुझे ||