कुछ तो है

कुछ तो है जो बदल गया जिन्दगी में मेरी
अब आइने में चेहरा मेरा हँसता हुआ नज़र नहीं आता…

कभी किसी के

कभी किसी के जज्बातों का मजाक ना बनाना.
ना जाने कौन सा दर्द लेकर कोई जी रहा होगा..

शायद कुछ दिन

शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में,
जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं।

क्या क्या रंग

क्या क्या रंग दिखाती है जिंदगी क्या खूब इक्तेफ़ाक होता है,
प्यार में ऊम्र नहीँ होती पर हर ऊम्र में प्यार होता है..!!