बेजुबान पत्थर पे लदे है करोंडो के गहने मंदिरो में..!
उसी देहलीज पे एक रूपये को तरसते नन्हें हाथों को देखा है..!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बेजुबान पत्थर पे लदे है करोंडो के गहने मंदिरो में..!
उसी देहलीज पे एक रूपये को तरसते नन्हें हाथों को देखा है..!!!
यूँ तो जिंदगी तेरे सफर से शिकायतें बहुत थी…
दर्द जब दर्ज कराने पहुंचे तो कतारें बहुत थी…!!
देख कर उसकी आँखो में अपने नाम की मायूसी…
दिल रोया तो नहीँ पर फ़िर कभी हँसा भी नहीँ…
खुद मेँ झाँकने के लिए जिगर चाहिए,
दूसरों की शिनाख्त मेँ तो हर शख़्स माहिर है..!!
दौड़ती भागती दुनिया का यही तोहफा है,
खूब लुटाते रहे अपनापन फिर भी लोग खफ़ा है..!!
बिन बुलाये आ जाता है, सवाल नहीं करता,
ये तेरा ख़याल भी न, मेरा ख़याल नहीं करता..
अभी हवा मन मुताबिक़ नही चल रही
सच का क्या है, सहूलियत से कह देंगे…
ऐ किराये के कातिलों बताओ कितनी रकम लगेगी ,
मुझे इश्क का सर कलम चाहिए।।।
जाने कैसे उसने भुला दिये वो पल.,
जिनको अपनी ज़िन्दगी कहा करता था वो….
सुलझा रही हूँ एक एक करके सारी उलझनें,
जाने क्या होगा जब इश्क से सामना होगा ..!!!