तुझसे मिलता हूँ तो सोच में पड़ जाता हूँ..
के वक्त के पाँव में जंजीर पह्नाऊ कैसे..
Category: Urdu Shayri
दिल की हेराफेरी
दिल की हेराफेरी संभलकर कीजिये हुजूर..
अंजाम ऐ मोहब्बत जुर्म बड़ा संगीन होता है
चाँद भी झांकता है
चाँद भी झांकता है अब खिड़कियों से,मेरी तन्हाइयों का चर्चा अब आसमानों में है !!
ना तोल मेरी मोहब्बत
ना तोल मेरी मोहब्बत अपनी दिल लगीं से,
देख कर मेरी चाहत को तराजू टूट जाते हैं
बेनूर सी लगती है
बेनूर सी लगती है उससे बिछड़ के जिंदगी..
अब चिराग तो जलते है मगर उजाला नहीं करते..
हर मर्ज़ का इलाज़
हर मर्ज़ का इलाज़ मिलता था उस बाज़ार में …
मोहब्बत का नाम लिया, दवाख़ाने बन्द हो गये…
पहले ढंग से
पहले ढंग से तबाह तो हो ले मुफ़्त में उसे भूल जाएँ क्या …
बेताबी उनसे मिलने की
बेताबी उनसे मिलने की इस क़दर होती है
हालत जैसी मछली की साहिल पर होती है
हमने तुम्हें उस दिन से
हमने तुम्हें उस दिन से और ज़्यादा चाहा है,
जबसे मालूम हुआ के तुम हमारे होना नहीं चाहते..
सारा बदन अजीब सी
सारा बदन अजीब सी खुशबु से भर गया…
शायद तेरा ख्याल हदों से गुजर गया…