न जाने कौन सी दौलत है तेरे लफ़्ज़ों में,
बात करते हो तो दिल खरीद लेते हो!
Category: Urdu Shayri
मेरी ख़ामोशी की
मेरी ख़ामोशी की ख्वाहिश भी तुम,
मेरी मोहब्बत की रंजिश भी तुम….
जो जरा किसी ने
जो जरा किसी ने छेड़ा तो छलक पड़ेंगे आँसू..
कोई मुझसे ये ना पूछें मेरा दिल उदास क्यूँ है..
खतों से मीलों सफर करते थे
खतों से मीलों सफर करते थे जज़्बात कभी,
अब घंटों बातें करके भी दिल नहीं मिलते…!
किसी के अंदर
किसी के अंदर जिंदा रहने की
ख्वाहिश में …
हम अपने अंदर मर जाते हैं …
कहाँ तलाश करोगे
कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा..,
जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार भी करे…!!
ख्वाहिशें तो मेरी
ख्वाहिशें तो मेरी छोटी छोटी ही थी
पुरी ना हुई तो बड़ी लगने लगी..
कुछ हार गयी तकदिर
कुछ हार गयी तकदिर, कुछ टूट गये सपने,
कुछ गैरो ने बरबाद किया, कुछ छोड़ गये अपने…!!
उलझे हुए है अपनी उलझनों में
उलझे हुए है अपनी उलझनों में आजकल..
तुम ये न समझना कि अब वो लगाव नही रहा..!!
धडकनो को भी रास्ता दे दीजिये
धडकनो को भी रास्ता दे दीजिये,जनाब,
आप तो सारे दिल पर कब्जा किये बैठे है…