दिल भी जिद पर अडा है बच्चे की तरह,
या तो वो चाहिए या फिर कुछ नहीं !!
Category: Urdu Shayri
इंतज़ार करते करते
इंतज़ार करते करते वक़्त क्यों गुजरता नहीं!
सब हैं यहाँ मगर कोई अपना नहीं!
दूर नहीं पर फिर भी वो पास नहीं!
है दिल में कहीं पर आँखों से दूर कहीं!
वो रूह में
वो रूह में उतर जाये तो पा ले मुझको
इश्क़ के सौदे मैं जिस्म नहीं तौले जाते…
सजा यह मिली की
सजा यह मिली की आँखों से नींदें छीन ली उसने,,
जुर्म यह था कि उसके साथ रहने का ख्वाब देखा था…
जरुरी नहीं हर रिश्ता
जरुरी नहीं हर रिश्ता बेवफाई से ही खत्म हो,,,,
कुछ रिश्ते किसी की ख़ुशी के लिए भी खत्म करने पड़ते है !!
मत हो उदास
मत हो उदास इतना किसी के लिए….. .
ए दिल
किसी के लिए जान भी दे देगा तो लोग
कहेंगे इसकी उम्र ही
इतनी थी…
बेनाम सा रिश्ता
बेनाम सा रिश्ता यूँ पनपा है
फूल से भंवरा ज्यूँ लिपटा है
पलके आंखे, दिया और बाती
ऐसा ये अपना रिश्ता है.!!!!
उम्र जाया कर दी
उम्र जाया कर दी
औरों के वजूद में नुक़्स निकालते निकालते…
इतना खुद को तराशते
तो खुदा हो जाते…
बच्चे मेरे गली के
बच्चे मेरे गली के बहुत ही शरारती हैं,
आज फिर तुम्हारा नाम मेरी दीवार पर लिख गये..
कौन कहता है
कौन कहता है तस्वीरें जुआ नहीं खेलती…
हर दिल हारा है… तेरी सूरत देखकर…!!!