तुम नहीं हो तो

तुम नहीं हो तो ,
कोई आरजू नहीं;
बातें नही; नींद नहीं…
जागे हुए है,
ख्वाब सारे;
सिमटती हुई रात के साथ…

गगन तेरे लिए हूं

गगन तेरे लिए हूं मैं जमी मेरे लिए है तू।
हकीकत और ख्वाबों में ख़ुशी मेरे लिए है तू।

जमाना बेरहम है पर हकीकत जान ले ये भी,
बना तेरे लिए हूं मैं बनी मेरे लिए है तू।