जाता हुआ मौसम लौटकर आया है. ….
काश वो भी कोशिश करके देखे…!!
Category: Urdu Shayri
बस ये कहकर
बस ये कहकर टाँके लगा दिये उस हकीम ने..कि
जो अंदर बिखरा है उसे खुदा भी नहीं समेट सकता..!!
जरा ठहर ऐ जिंदगी
जरा ठहर ऐ जिंदगी तुझे भी सुलझा दूंगा,
पहले उसे तो मना लूं जिसकी वजह से तू उलझी है !!
हम भी मुस्कुराते थे
हम भी मुस्कुराते थे कभी बेपरवाह अंदाज से
देखा है खुद को आज पुरानी तस्वीरों में..!!
देते नहीं दाद ….
देते नहीं दाद …. कभी वो कलाम पे मेरे,
जुड़ न जाए कहीं नाम उनका नाम से मेरे
कौन कहता है
कौन कहता है हम दुनिंया से खाली हाथ जायेगे ,तेरा नाम रूह पे लिखवा कर आयेगे ॥
सहम उठते हैं
सहम उठते हैं कच्चे मकान, पानी के खौफ़ से,
महलों की आरज़ू ये है की, बरसात तेज हो…
रहने दो अब कोशिशे
रहने दो अब कोशिशे , तुम मुझे पढ़ भी ना सकोगे..
बरसात में कागज की तरह भीग के मिट गया हूँ मैं…
दो आँखो में…
दो आँखो में…दो ही आँसू..
एक तेरे लिए,
एक तेरी खातिर..!!
जिन की यादों से
जिन की यादों से रौशन हैं मेरी आँखें
दिल कहता है उनको भी मैं याद आता हूँ