कई बार मैंने देखा है

कई बार मैंने
देखा है खुद को
तुम में
जिसे तुमने पुकारा नहीं
जिद्द में
वो मैं था
है ऐतबार जिसे
अब भी
मुझ में
वो इंतज़ार तुम हो..

न पूछा कर

न पूछा कर औरो से हाल मेरा..

.ए बेवफा ..,

इतनी ही फ़िक्र होती तो ..तू साथ होती.. तेरी यादे नहीं…

जो बनाई है

जो बनाई है तिरे काजल से
तस्वीरे-मुहब्बत,

अभी तो प्यार के रंग से सजाया ही कहाँ है..!