तुम अपने ज़ुल्म की इन्तेहाँ कर दो, फिर कोई हम सा बेजुबां मिले ना मिले…
Category: Shayri
अब गुमशुदा हो कहीं
तुम्हें पाना…खोना अब एक…सा लगता है
तुम थे मुझमें ही कहीं मुझमें ही अब गुमशुदा हो कहीं|
लिखना तो ये था
लिखना तो ये था कि खुश हूँ तेरे बगैर भी. पर कलम से पहले आँसू कागज़ पर गिर गया..
खुश नसीब है
खुश नसीब है ये आँखे जो सिर्फ,
तेरे इंतजार में है….
वरना पराये तो यू ही मिल जाते है|
शब्द ही ऐसी चीज़ है
शब्द ही ऐसी चीज़ है जिसकी वजह से इंसान या तो दिल में उतर जाता है या दिल से उतर जाता है।
जिन्हें सपने देखना
जिन्हें सपने देखना अच्छा लगता है, उन्हें रात छोटी लगती है और जिन्हें सपने पूरे करना अच्छा लगता है, उन्हें दिन छोटा लगता है।
पसंद है मुझे
पसंद है मुझे उन लोगों से हारना…..!! जो मेरे हारने की वजह से पहली बार जीते हों…..!!!
गलत फ़हमियों से
गलत फ़हमियों से भी ख़त्म हो जाते है रिश्ते… हमेशा कसूर गलतियों का नहीं होता !!!
माना की दूरियाँ
माना की दूरियाँ बहुत बढ़ सी गयीं हैं….लेकिन,.,
तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तन्हा गुजरता है..!!
वो चले गए
वो चले गए कह कर के कल से भूल जाना हमें….
हम अरसे से “आज” को रोक कर बैठे हैं ।