लगाकर आग दिल में अब तुम चले हो कहाँ….
अभी तो राख उड़ने दो तमाशा और भी होगा |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
लगाकर आग दिल में अब तुम चले हो कहाँ….
अभी तो राख उड़ने दो तमाशा और भी होगा |
ख़ामोशी छुपाती है ऐब और हुनर दोनों ,
शख्सियत का अंदाज़ा गुफ्तगू से
होता है ..!!
तेरा वजूद है कायम मेरे दिल में उस इक बूँद की तरह,
.
जो गिर कर सीप में
इक दिन मोती बन गयी…..
तेरा वजूद है कायम मेरे दिल में उस इक बूँद की तरह,
.
जो गिर कर सीप में
इक दिन मोती बन गयी….
बात बे बात पर तेरी बात का होना,
अब इसे ईश्क ना समझूं तो क्या समझूं?
ताउम्र उल्फ़तें और वो छोटी सी आशिक़ी…
मरने का तरीक़ा है ये ज़िंदा रहने की हसरतें…
ज़िन्दगी देने वाले यूँ मरता छोड़ गए,
अपनापन जताने वाले यूँ तनहा छोड़ गए,
जब पड़ी जरुरत हमें अपने हमसफ़र की,
तो साथ चलने वाले अपना रास्ता मोड़ गए।
वक़्त की गिरह में बाँध के रख छोड़ा है मैंने,
वो हर लम्हा जो तुम बिन गुज़रता ही नही था…
दुआएं इकट्ठी करने मे लगा हूं,
सुना है दौलत शौहरत साथ नही जाती…
साँस थम जाती है पर जान नहीं जाती;
दर्द होता है पर आवाज़ नहीं आती;
अजीब लोग हैं इस ज़माने में ऐ दोस्त;
कोई भूल नहीं पाता और किसी को याद नहीं आती।