ना जिद कर, अपने हद में रहा कर ए-दिल,
कुछ रिश्तों की उमर ही छोटी होती
हैं..
Category: Shayri
इज़हार ए इश्क
लो जी कर दिया ‘इज़हार ए इश्क’ हमने टेलीफोन पर
लाख रुपये की बात थी दो रुपये में हो गई
खुशकिस्मत हैं वो लोग
बहुत खुशकिस्मत हैं वो लोग यकीन मानो ,
जो मांगते भी नही,रोते भी नही और ,मोहब्बत पा लेते
हैं ॥
तारीफ किसी की
तारीफ किसी की करने के लिए जिगर चाहिये,
बुराई तो बिना हुनर के किसी की भी कर सकते हैं…
सांसों के सिलसिले
सांसों के सिलसिले को ना दो ज़िन्दगी का नाम…
जीने के बावजूद भी,
मर जाते हैं कुछ लोग !!!
ज़ायका मोहब्बत का..
किसी ने “ज़हर” कहा है, किसी ने “शहद” कहा …….
.
कोई समझ नहीं पाता है,,, ज़ायका मोहब्बत का……..
आँखों मैं कुछ ऐसा
तेरा अक्स गढ़ गया है …….आँखों मैं कुछ ऐसा….
सामने खुदा भी हो….. तो दिखता है हूबहू तेरे जैसा…!!!
कम ना रह जाये
हमारी मोहब्बत कही कम ना रह जाये..
देखो फरवरी आयी है इस बरस एक दिन ज्यादा लेकर
तुझे पाने में
बहुत नाकाम शख्स हूं मैं,
पहले तुझे पाने में नाकाम रहा ,
फिर तुझे भुलाने में…
गिले शिकवे भुलाकर
तमाम
गिले शिकवे भुलाकर सोया करो…यारों….सुना है… मौत किसी
को….मुलाक़ात का मौका नही देती