बढ रहे है चाहने वाले मेरे अल्फाज़ों के….,
लगता है उस तक बात जरुर पहुँचेगी।
Category: Shayri
दर्द अब इतना की
दर्द अब इतना की संभलता नही है
तेरा दिल मेरे दिल से मिलता नही है
अब और किस तरह पुकारूँ मैं तुम्हे
तेरा दिल तो मेरे दिल की सुनता भी नही है |
तेरी मुहब्बत में
तेरी मुहब्बत में जो मैं फना हो गया…
यही मुझसे सबसे बड़ा गुनाह हो गया !!
तेरे एक-एक लफ्ज़
तेरे एक-एक लफ्ज़ को हज़ार मतलब पहनाये हमने…
चैन से सोने ना दिया तेरी अधूरी बातों ने…
हम तो फूलों की तरह
हम तो फूलों की तरह अपनी आदत से बेबस हैं ,
तोड़ने वाले को भी खुशबू की सजा देते है …
बदल गया वक़्त
बदल गया वक़्त बदल गयी बातें, बदल गयी मोहब्बत;
कुछ नहीं बदला तो वो है इन आँखों की नमी और तेरी कमी।
कितना प्यार है
कितना प्यार है तुमसे वो लफ्ज़ो के सहारे कैसे बताऊ,
महसूस कर मेरे एहसास, गवाही कहाँ से लाऊ..
मोहब्बत करने चला है
मोहब्बत करने चला है,
तो कुछ अदब भी सीख लेना ऐ दोस्त…
इसमें हंसते साथ हैं,
पर रोना अकेले ही पड़ता है….
मेरी जान ले रही हैं
मेरी जान ले रही हैं सादा निगाह तेरी,
हैं मशविरा ये मेरा काज़ल लगा के आओ..!!
तेरी मुहब्बत पर
तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है,
आखरी सास तक तेरा इंतजार करू !