मुझको ढूंढ लेता है रोज़ नये बहाने से…….
दर्द हो गया है वाक़िफ़ मेरे हर ठिकाने से..!!
Category: Shayri
किसी को इस तरह भी
किसी को इस तरह भी न चाहो कि
कभी खुद को देखो तो तरस खा जाओ|
फिर याद बहुत आयेगी
फिर याद बहुत आयेगी ज़ुल्फ़ों की घनी शाम
जब धूप में साया कोई सर पर न मिलेगा|
हमेशा नहीं रहते
हमेशा नहीं रहते
सभी चेहरे मुखौटो में ….!!!
हर एक किरदार खुलता है कहानी ख़तम होने पर….!!
मुझे काटती है
हमदर्दियाँ ज़नाब मुझे काटती है
अब,यूँ खामख़्वाह मिज़ाज़ ना पुछा करें|
अल्फ़ाज़ नहीं मिल रहे
आज अल्फ़ाज़ नहीं मिल रहे साहिब
मोहब्बत लिख दिया है,महसूस कीजिए |
चूल्हा सुलगाती थी
माँ जब फूंक से चूल्हा सुलगाती थी……
मेरी रोटी भी साँस लेती थी……
हर जगह हर शहर
हर जगह हर शहर हर मका में
धूम है उस की मौजूदगी मौजूद है|
ख्वाहिशों का अधूरा
कुछ ‘ख्वाहिशों का अधूरा’ रह जाना ही ठीक है
जिन्दगी ‘जीने की ख्वाहिश’ बनी रहती है…
तेरे दीवाने में है
गजब सी आग तेरे दीवाने में है,
कल तेरी यादों से ज़मानत पे छुटा..
आज फिर तेरी यादों के थाने में है…..!!