हँसी आपकी कोई चुरा ना पाये;
कभी कोई आपको रुला ना पाये;
खुशियों के ऐसे दीप जले ज़िंदगी में;
कि कोई तूफ़ान भी उसे बुझा ना पाये।
Category: Shayri
बिखर जाने दो ज़रा
सबरंग गुलशनो को बिखर जाने दो ज़रा ।।
मेरे हुनर को और निखर जाने दो ज़रा ।।
दुश्मनो का हम ही करेंगे मुकाबला ,
कश्ती से बुज़दिलो को उतर जाने दो ज़रा ।।
एक मैं हूँ जो
एक मैं हूँ जो समझ सका ना खुद को आज तक…
एक लोग है जो जाने मुझे क्या क्या समझ लेते है…..
उसे खिलौनों से
उसे खिलौनों से बढ़ कर है फ़िक्र रोटी की
हमारे दौर का बच्चा जनम से बूढ़ा है|
होने लगी शालाओं में
होने लगी शालाओं में ये कैसी पढ़ाई
अब बच्चे बुज़ुर्गों की भी इज़्ज़त नहीं करते|
क्या लिखें अब हम
क्या लिखें अब हम तुम्हारे लिए
हर शब्द, निःशब्द तुम्हारे लिए।
आँखों में बसे हो जज़्ब भी कहीं
और क्या हम कहें तुम्हारे लिए।
ये रिश्ता है क्या मालूम तो नहीं
ह्रदय से उपजा जो तुम्हारे लिए।
अज़ीज़ हो कितना ये कैसे कहें
हर दुआ हमारी है तुम्हारे लिए।
तुम, बस तुम और कुछ नहीं
जी लो ये जीवन है तुम्हारे लिए।
वफ़ा करते हैं
हम तो बेज़ान चीज़ों से भी वफ़ा करते हैं,
तुझमे तो फिर भी मेरी जान बसी है !!
मुद्दतों बाद उठाए थे
मुद्दतों बाद उठाए थे पुराने काग़ज़
साथ तेरे मेरी तस्वीर निकल आई है|
पता नहीं इश्क है
पता नहीं इश्क है या नहीं फिर भी
तेरी परवाह करना अच्छा लगता है|
अपनी हर बात रो
अपनी हर बात रो रो के मनवाना
ये आँसुओ का गलत इस्तेमाल है साहिब|