कोई चुरा ना पाये

हँसी आपकी कोई चुरा ना पाये;
कभी कोई आपको रुला ना पाये;
खुशियों के ऐसे दीप जले ज़िंदगी में;
कि कोई तूफ़ान भी उसे बुझा ना पाये।

बिखर जाने दो ज़रा

सबरंग गुलशनो को बिखर जाने दो ज़रा ।।
मेरे हुनर को और निखर जाने दो ज़रा ।।

दुश्मनो का हम ही करेंगे मुकाबला ,
कश्ती से बुज़दिलो को उतर जाने दो ज़रा ।।

क्या लिखें अब हम

क्या लिखें अब हम तुम्हारे लिए
हर शब्द, निःशब्द तुम्हारे लिए।

आँखों में बसे हो जज़्ब भी कहीं
और क्या हम कहें तुम्हारे लिए।

ये रिश्ता है क्या मालूम तो नहीं
ह्रदय से उपजा जो तुम्हारे लिए।

अज़ीज़ हो कितना ये कैसे कहें
हर दुआ हमारी है तुम्हारे लिए।

तुम, बस तुम और कुछ नहीं
जी लो ये जीवन है तुम्हारे लिए।