मेरे कंधे पर बैठा

मेरे कंधे पर बैठा मेरा बेटा जब मेरे कंधे पे खड़ा हो गया
मुझी से कहने लगा “देखो पापा में तुमसे बड़ा हो गया”

मैंने कहा “बेटा इस खूबसूरत ग़लतफहमी में भले ही जकडे रहना
मगर मेरा हाथ पकडे रखना”

“जिस दिन येह हाथ छूट जाएगा
बेटा तेरा रंगीन सपना भी टूट जाएगा”

“दुनिया वास्तव में उतनी हसीन नही है
देख तेरे पांव तले अभी जमीं नही है”

“में तो बाप हूँ बेटा बहुत खुश हो जाऊंगा
जिस दिन तू वास्तव में मुझसे बड़ा हो जाएगा
मगर बेटे कंधे पे नही …
जब तू जमीन पे खड़ा हो जाएगा!!

ये बाप तुझे अपना सब कुछ दे जाएगा !
तेरे कंधे पर दुनिया से चला जाएगा !!

सवाल करते हो

दुःख देकर सवाल करते हो;
तुम भी जानम कमाल करते हो;

देख कर पूछ लिया हाल मेरा;
चलो कुछ तो ख्याल करते हो;

शहर-ए-दिल में ये उदासियाँ कैसी;
मुझसे ये भी सवाल करते हो;

मरना चाहें तो मर नहीं सकते;
तुम भी जीना मुहाल करते हो;

अब किस की मिसाल दूँ तुम को;
हर सितम तुम बेमिसाल करते हो।

जीवन के गणित में

जीवन के गणित में सदा कृपांक ही पाता रहा
प्रेम के गणित में भी अनुत्तीर्ण ही रहा..
तुम्हारे और मेरी गणनायें पृथक् रहीं सभी..