बहुत कमियाँ निकालते हैं हम दूसरों में अक्सर….!!
आओ एक मुलाक़ात ज़रा आईने से भी कर ले…
Category: Shayri
आप मुझ से
आप मुझ से, मैं आप से गुज़रूँ….
रास्ता एक यही निकलता है…..
छोड़ जाने का गम नहीं
यूँ तो मुझे किसी के भी
छोड़ जाने का गम नहीं बस,
कोई ऐसा था जिससे ये उम्मीद नहीं थी..
तुम ही हमारे ना हुए
एक तुम ही हमारे ना हुए…
वरना दुनिया में क्या कुछ नही होता…
फ़न तलाशे है
फ़न तलाशे है दहकते हुए जज़्बात का रंग
देख फीका न पड़े आज मुलाक़ात का रंग |
मैं जब भी
मैं जब भी अपनी पुरानी स्कूल के पास से गुजरता हूँ
सोचता हूँ मुझे बनाने में खुद टूट सी गयी है….
और जब भी में मेरे बेटे की प्रायवेट स्कूल के पास से गुजरता हूँ
मुझे हमेशा लगता है मुझे तोड़ कर खुद बन गयी |
ऐसा तराशा है
तकलीफों ने ऐसा तराशा है मुझको…
हर गम के बाद ज्यादा चमकता हूँ..
सर झुका के बोलें
पूछा हाल शहर का तो सर झुका के बोलें,,,,
लोग तो जिंदा हैं जमीरों का पता नहीं.!!
वक्त इंसान पे
वक्त इंसान पे ऐसा भी कभी आता है
राह में छोड़ के साया भी चला जाता है|
खेत सूखे सूखे से थे
जिसके खेत सूखे सूखे से थे..
पानी,उसी की आँखों में नजर
आया….!!!