कहानीयो के हकदार नही,
इतिहास के वारसदार हैं हम !!
Category: Shayri
जख्मों को छुआ है
अब इससे ज्यादा और क्या नरमी बरतूं
दिल के जख्मों को छुआ है तेरे हसीं गालो की तरह|
तन्हाई क्या हैं
तन्हाई क्या हैं खुद ही समझ जाओगे
किसी की याद मैं कभी आसूं बहाया करो
इश्तेहार दे दूँ
इश्तेहार दे दूँ कि ये दिल खाली है,
वो जो आया था किरायेदार निकला!
सौ बार मरना चाहा
सौ बार मरना चाहा,
निगाहों में डूब कर
वो निगाह झुका लेते हैं,
हमें मरने नहीं देते……
डूबकर देख एक पल मुझमें
डूबकर देख एक पल मुझमें,
ढूँढ ले मुश्क़िलों के हल मुझमें….।।
जागा हुआ ज़मीर
जागा हुआ ज़मीर वो आईना है
सोने से पहले रोज़ जिसे देखता हूँ मैं |
अपना मुक़द्दर ग़म से
अपना मुक़द्दर ग़म से बेग़ाना अगर होता
तो फिर अपने-पराए हमसे पहचाने कहाँ जाते |
मैं अपनी ज़ात में
मैं अपनी ज़ात में नीलाम हो रहा हूँ
ग़म-ए-हयात से कह
दो ख़रीद लाये मुझे|
सदियों की सज़ा पाई
लम्हों मे खता की है
सदियों की सज़ा पाई |