किस्मत ने भी क्या खूब करिश्मा फरमाया है।
यार तो आया है पर उसे प्यार नहीं आया है॥
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
किस्मत ने भी क्या खूब करिश्मा फरमाया है।
यार तो आया है पर उसे प्यार नहीं आया है॥
दिल ने जिसे चाहा हो क्या उस से गिला रखना
उस के लिये होंटों पर हर वक्त़ दुआ रखना |
आँधियाँ हसरत से अपना सर पटकती रह गयीं,
“बच गए वो पेड़ जिनमे हुनर झुकने का था |
दिल टूटने का दर्द कभी कम नहीं होता
बस दर्द सहने की आदत पड़ जाती है !!
सारी उम्र भागते रहे कमाने को
माँ के पैर में देखा तो खज़ाना था
जिसको थाली में रोज़ छोड़ा हमने
हक़ीक़त में किसी ग़रीब का खाना था|
जो मुँह तक उड़ रही थी, अब लिपटी है पाँव से…,
..बारिश क्या हुई मिट्टी की फितरत बदल गई….
उन्हें इश्क़ हुआ था,
मुझे आज भी है !!
कब्र सजा कर मोहब्बत की दुहाई देते हो,
हीरे जड़ देने से कब्रिस्तान महल नहीं होता।
है क्या बिसात आखिर इश्क़ में वफादारी की,
जो कल था वो आज है ,मगर कल नहीं होता।
चलो एक काम करते हैं
नफ़रत को बदनाम करते हैं |