छलका तो था कुछ इन आँखों से उस रोज़..!!
कुछ प्यार के कतऱे थे..कुछ दर्द़ के लम्हें थे….!!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
छलका तो था कुछ इन आँखों से उस रोज़..!!
कुछ प्यार के कतऱे थे..कुछ दर्द़ के लम्हें थे….!!!!
मेरी मासूम मोहब्बत ,
की गवाही न मांग मेरी पलकों पे सितारों ने इबादत की है…
जिसे शिद्दत से चाहो , वो मुद्दत से मिलता है ,
बस मुद्दत से ही नहीं मिला कोई शिद्दत सै चाहने वाला|
ये जो मेरे दिल की लगी है…
बस यही तो बर्बाद ज़िंदगी है…
चल पडी है मेरी दुआए असर करने को….
तुम बस मेरे होने की तैयारी कर लो…!!
मुझे ज़िंदगी दूर रखती है तुझ से
जो तू पास हो तो उसे दूर कर दूँ|
गुमान न कर अपनी खुशनसीबी का..
नशीबी मे होगा तो तुझे भी इश्क होगा..
मत पुछ हमारे ऐतबार की हद तेरे एक इशारे पे..
हम काग़ज़ की कश्ती ले कर समंदर में उतर गये थे..
वक़्त बेनूर को नूर बना देता है,
वक़्त फकिर को हुजूर बना देता है,
वक़्त की कदर करो ऐ दोस्तो,
क्योंकि
वक़्त कोयले को भी कोहिनुर बना देता हैं ।
मिठास रिश्तों में बढ़ाएं तो कोई बात बने…
मिठाईयां तो हर साल मीठी ही बनती है…