भूल ही गये होंगे वो मुझे,
वरना इतने दिन तक कोई नाराज़ तो नहीँ रहता।।
Category: Shayri-E-Ishq
तुम्हे खो के ही तो समझ में
तुम्हे खो के ही तो समझ में आया,
क्या हमको पाना था जो ना पाया।।
कुछ तो बात होगी
कुछ तो बात होगी बुरे लोगो में,
यूँ ही खुदा उन्हें इतनी बरकत नही देता।।
चले जाने दो
चले जाने दो उसे किसी ओर कि बाहों मे,
इतनी चाहत के बाद जो मेरा ना हुआ वो किसी ओर का क्या होगा।।
इश्क तुझ से
इश्क तुझ से बुरा नहीं कोई,
हर भले का बुरा किया है तूने।।
हार जाउँगा मुकदमा
हार जाउँगा मुकदमा उस अदालत में, ये मुझे यकीन था..
जहाँ वक्त बन बैठा जज और नसीब मेरा वकील था…
अजीब हूं मैं
अजीब हूं मैं भी कि अपने आप को गंवाना चाहता हूँ … कि अपने आप से पीछा छुड़ाना चाहता हूँ … !!
बात का ज़ख्म है
बात का ज़ख्म है तलवार के ज़ख़्मो के सिवा ।
कीजे क़त्ल मगर मुँह से कुछ इरशाद न हो ।।
खुदा जाने कौनसा
खुदा जाने कौनसा गुनाह कर बैठे है हम कि,,,
तमन्नाओं वाली उम्र में तजुर्बे मिल रहे है|
जब तक ये दिल
जब तक ये दिल तेरी ज़द में है
तेरी यादें मेरी हद में हैं।
तुम हो मेरे केवल मेरे ही
हर एक लम्हा इस ही मद में है ।
है दिल को तेरी चाह आज भी
ये ख्वाब ख्वाहिश-ऐ- बर में है ।
मुहब्बत इवादत है खुदा की
और मुहोब्बत उसी रब में है।