जीभ में एक

जीभ में एक भी हड्डी नहीं होती
फिर भी
यही जीभ इंसान की सारी हड्डियां तुड़वाने
की “ताक़त” रखती हैं..!!

वैसी ही रातें

वैसे ही दिन,वैसी ही रातें,वही रोज़ का फ़साना लगता है…
अभी चार दिन नहीं गुजरे,साल अभी से पुराना लगता है..