तकदीर ने यह कहकर, बङी तसल्ली दी है मुझे….कि….वो लोग तेरे काबिल ही नहीं थे..
जिन्हें मैंने दूर किया है|
Category: Shayri-E-Ishq
आस्था लिये अभंग
ईश दूर पर मैं सुखी ,आस्था लिये अभंग |
ससूत्र बालक खुश रहे ,नभ में उड़े पतंग
रोशनी की तरफ
काश इंसान भी “नोटों” की तरह होते..
रोशनी की तरफ करके देख लेते ,
“असली” है कि “नकली”….
कमियाँ निकालते हैं
बहुत कमियाँ निकालते हैं हम
दूसरों में अक्सर…
आओ एक मुलाक़ात
ज़रा आईने से भी कर लें …!
एक मोड़ लेना है
जब सवालों के जवाब मिलने बंद हो जाये
तो समझ लो एक मोड़ लेना है रास्ते और रिश्ते दोनों में…!
कौन कहता है
कौन कहता है नशा सिर्फ शराब का होता है…
हमने लोगों को काम के नशे में धुत कामयाब होते
देखा है..!!
मोहब्बत लाजबाब करते हो
सुना है मोहब्बत लाजबाब
करते हो तुम,,……
लो हमने दे दिया दिल…..
………
अब देखते हैं इसका क्या हाल
करते हो तुम..!
रिश्ते को निभाने में
नही छोड़ी कमी किसी भी रिश्ते को निभाने
में मेने कभी..!!
आने वाले को दिल का रास्ता भी दिया और जाने वाले
को रब का वास्ता भी दिया..!!
मोहब्बत की दास्तान
शब्दो मे सिमटी है मेरी मोहब्बत की
दास्तान,
उसे टूट कर चाहा और चाह कर टूट गये..
तुझमें छुपे हैं
तुझमें छुपे हैं मेरी जिन्दगी के हजारों राज..
तुझे वास्ता है मेरे प्य़ार का,जरा खुद का ख्याल रखा
कर..