कुछ पल यूं

कुछ पल यूं ही बीत गये तसव्वुर में तेरे,

कब हसीनाएं अंकल कहने लगी पता ना चला

मेरी रूह को

मेरी रूह को छू लेने के लिए बस कुछ लफ़्ज़ ही काफ़ी हैं……

कह दो बस इतना कि तेरे साथ जीना अभी बाक़ी है…!