देखते है हम दोनों जुदा कैसे हो पायेंगे…,
तुम मुकद्दर का लिखा मानते हो…,
हम दुआ को आजमायेंगे…!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
देखते है हम दोनों जुदा कैसे हो पायेंगे…,
तुम मुकद्दर का लिखा मानते हो…,
हम दुआ को आजमायेंगे…!!!
बहुत दिनों से इन आँखों को यही समझा रहा हूँ मैं
ये दुनिया है यहाँ तो इक तमाशा रोज़ होता है|
काश कोई इस तरह भी
वाकिफ़ हो मेरी जिन्दगी से…
मै बारिश में भी रोऊँ
तो वो मेरे आँसू पढ ले…!!
Har Baat ko zubaa nahi milti,
Har Aarzoo ko duwa nahi milti,
Haste raho to duniya rahti hai saath,
Aasuwo ko toh Aankhon me bhi panah nahi milti…!!
Ab bhi taaza hai zakhm seene mein,
Bin tere kya rakha hai jeene mein,
Hum to zinda hain tera sath paane ko,
Warna deir kitni lagti hai zaher peene mein..
लुटा चुका हूँ बहुत कुछ, अपनी जिंदगी में यारो..!!
वो ज़ज्बात तो ना लूटो, जो लिखकर बयाँ करता हूँ ..
तेरे नाम से बढकर कहाँ..
कोई शायरी हुई..
तेरा नाम जब लिखा..
वाह-वाह मिली मुझे..
Ab wafa se mukar gaya hai dil,
Ab mohabbat se dar gaya hai dil,
Ab saharon ki baat mat karna,
Ab dilason se bhar gaya hai dil,
Jab bulate the zinda dil the hum,
Ab na aao ke mar gaya hai Aabil.
Kya bhala dhoondhate ho seene mein,
Jaan se bhi guzar gaya hai Aabil .
Ab woh pagalpan na woh wehshat hai,
Chot kha kar sudhar gaya hai
ना थी जिसको मेरे प्यार की कदर..!!
ईतेफाक से उसी को चाह रहा था मे..!!…
क्या बताऊ कितना मुश्किल है जीना…
जिस के लिए जीना…उसी के बिना जीना…!!!