ये उड़ती ज़ुल्फें,ये बिखरी मुस्कान,
एक अदा से संभलूँ,तो दूसरी होश उड़ा देती है..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ये उड़ती ज़ुल्फें,ये बिखरी मुस्कान,
एक अदा से संभलूँ,तो दूसरी होश उड़ा देती है..!!
नज़दीक ही रहता है वो पर मिलने नही आता..
पुछो तो मुस्करा के कहता है..
तुम से तो मुहोब्बत है..
तुम से क्या मिलना..
लोग अब समझदार हो गए है….
हैसियत देख कर साथ निभाते है।
मुद्दतों बात किसी ने पूछा कहा रहते हो
हमने मुस्कुरा के कहा अपनी औकात मे|
ना चाहते हुए भी साथ छोड़ना पड़ता हे,
जिंदगी में कुछ मजबूरिया
मोहब्बत से ज्यादा ताकतवर होती हे !!
हम जा रहे हैं वहां जहाँ दिल की क़दर हो…
बैठे रहो तुम अपनी अदाएं लिए हुए !!
ना होना बेमुरव्वत, ना दिखाना बेरुखी,
बस सादगी से कहना के बोझ बन गये हो तुम |
दुनिया के रैन बसेरे में पता नहीं कितने दिन रहना है..
जीत लो लोगों के दिलों को ,बस यही जीवन का गहना है…
मेरी मौत पर भी उसके आखौं में आसुं न थे
उसे शक था कि मुझ में अब भी जान बाकि है..
जनाजा रोक कर वो मेरा
कुछ इस अन्दाज़ मे बोले;
गली छोड्ने को कहा था,
तुमने तो दुनियां ही छोड दी।