कोई और तरीक़ा बताओ जीने का,
साँसे ले ले कर थक गया हूँ !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कोई और तरीक़ा बताओ जीने का,
साँसे ले ले कर थक गया हूँ !!
कुछ दिन तो तेरी यादें वापस ले ले..
‘पगली’
मैं कई दिनों से सोया नहीं….!!
सो जाओ यारो…
जब दिन मे याद नहीं आयी तो अब क्या याद आएगी..
नफरत है तो कह देते हमसे,
सिर्फ अपनों की तारीफ कर दिल क्यों जलाते हो..!!
बेवफा लोगो को हमसे बेहतर कौन जान सकेगा….
..हम तो वो है जिन्हें किसी की
नफरत से भी प्यार था
घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया,
घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है।।
भीड़ इतनी तो ना थी शहर के बाज़ारों में ….
मुझे खोने वाले ….
तुने कुछ देर तो ढूँढा होता !
मुहब्बत मर्द की जिंदगी का महज एक वाकया है..
और औरत की जिंदगी की… पूरी दास्तान..
ऐ दिल मुझसे बहस ना कर अब चुप भी हो जा ….
उसके बिना इतने दिन गुजार दिए एक दिन और गुज़र जाने दे …!!
बहुत शौक है
न तुझे ‘बहस’ का आ बैठ…
बता मुहब्बत क्या है…