नर्म लफ़्ज़ों से

नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर,
रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है
मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं,
पर सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते।

मै फिर से

मै फिर से कर लुँगा
मोहब्बत तुमसे……
एक बात तो बताओ इस बार वफा
कितने दिन तक करोगी?