काश कोई हम

काश कोई हम पर भी
इतना प्यार जताती
पिछे से आकर वो
हमारी आंखो को छुपाती
हम पुछते कौन हो तुम?
और वो हस कर खुद को हमारी जान बताती|

पूछ रही है

पूछ रही है आज मेरी शायरियाँ मुझसे कि,
कहा उड़ गये वो परिंदे जो वाह वाह किया करते थे ?

गुलाब खिलते रहे

गुलाब खिलते रहे ज़िंदगी की राह् में,
हँसी चमकती रहे आप कि निगाह में.
खुशी कि लहर मिलें हर कदम पर आपको,
देता हे ये दिल दुआ बार–बार आपको…