ये बेवजह मेंरा वजह ढूंढ लाना,
तेरी दी हुई आदतों में से ही एक हैं।
Category: Shayri-E-Ishq
मैंने जैसे तुम्हे चाहा
मैंने जैसे तुम्हे चाहा,
तुमने चाहा कब?
अब ना करो प्यार की बातें,
फ़ोकट हुआ हैं प्यार अब।
कौन समझ पाया है
कौन समझ पाया है आज तक हमे…
हम अपने हादसों के इकलौते, गवाह हैं…!
क्या करोगे ये जानकर
क्या करोगे ये जानकर कि कितना प्यार करते हैं तुमसे….
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❊ बस इतना जान लो, कि वो नम्बर तुम्हारा ही था
❊ जो मुझसे पहली बार याद हो पाया था…
बात करने से ही
बात करने से ही बात बनती है..
बात ना करने से, बातें बन जाती है ..!
बेशक ही वो शतरंज
बेशक ही वो शतरंज में माहिर रहे होंगे
क्योंकि उनकी चाल पर हजारो फ़िदा है
अफवाह थी…कि मुझें
अफवाह थी…
कि मुझें इश्क हुआ है…
लोगों ने पूछ पूछ कर आशिक बना दिया…
કેમ આ યાદો ની
કેમ આ યાદો ની આંધી ઓ થોભતી નથી..
અરે જો ને …
કે આ જીંદગી તારા વિના જરાય શોભતી નથી
तन्हाई लिखते समय
तन्हाई’ लिखते समय तुम मेरे सबसे पास थी
देना हो साथ तो
देना हो साथ तो जिंदगी भर का देना ऐ दोस्त
लम्हों का साथ तो जनाजा उठाने वाले भी दिया करते है।