नमक की तरह कड़वा ज्ञान देने वाला ही सच्चा मित्र होता
है, इतिहास गवाह है की आज तक कभी नमक में कीड़े नहीं पड़े !
Category: Shayri-E-Ishq
प्यार मे ताकत हैं
प्यार मे ताकत हैं दुनिया को झुकाने की…
वरना क्या जरूरत थी राम को झूठे बेर खाने की…!!!
बरसो से कायम है
बरसो से कायम है
इश्क अपने उसुलो पे, ये कल भी तकलीफ देता था
ये आज भी तकलीफ देता है!!!
कभी किसी को
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कहीं ज़मीन तो कहीं आसमान नहीं मिलता
जिसे भी देखिये वो अपने आप में गुम है
ज़ुबाँ मिली है मगर हमज़ुबाँ नहीं मिलता
बुझा सका है भला कौन वक़्त के शोले
ये ऐसी आग है जिसमे धुआँ नहीं मिलता
तेरे जहाँ में ऐसा नहीं कि प्यार न हो
जहाँ उम्मीद हो इसकी वहाँ नहीं मिलता
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कहीं ज़मीन तो कहीं आसमान नहीं मिलता
नादानी भी सच मे
आज कल…की नादानी भी सच मे बेमिसाल हे..
अंधेरा दिल?मे है और लोग दिये मन्दिरों मे जलाते हैं…
सच्चाई बस मेरी
सच्चाई बस मेरी खामोशी में है….
शब्द तो में लोगो के अनुसार बदल लेता हु….
अंदाज कुछ अलग
अंदाज कुछ अलग है,
मेरे सोचने का….
सब को मंजिल का शौक है
और मुझे रास्तो का…
तुम मेरा नाम
शर्म, दहशत, झिझक, परेशानी, नाज़ से काम क्यूँ नही लेती…
…
आप, वो, जी, मगर…ये सब क्या है, तुम मेरा नाम क्यूँ नही लेतीं ।
आखरी साँस बाकी
आखरी साँस बाकी है।।
आ रहे हो या ले लू।।
उसकी जुस्तुजू उसका
उसकी जुस्तुजू उसका इंतज़ार और अकेलापन,
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थक कर मुस्कुरा देता हु जब रोया नहीं जाता