Mohabbat ke kaafile ko kuch der to rok lo
aate hain hum bhi paanv se kaante nikaalkar
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
Mohabbat ke kaafile ko kuch der to rok lo
aate hain hum bhi paanv se kaante nikaalkar
जो हैरान हैं मेरे
सब्र पर उनसे कह दो.., जो आसूँ जमीं पर नहीं गिरते, अकसर दिल चीर
जाते है ……!
इतना तो किसी ने चाहा भी न होगा,
जितना मैने सिर्फ सोचा है……
अदा-ए-हुस्न की मासूमियत को कम कर दे..
गुनहगार नज़र को हिजाब आता हे..!”
कौन कहता हे भगवान आते नहीं
तुम मीरा के जेसे बुलाते नहीं
ना मिला सुकून तो खतम ज़िन्दगी कर ली,
नदी ने जाकर समंदर में खुदखुशी कर ली…!!!
सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत की कदर करना…
कहीं कोई थक ना जाये तुम्हें एहसास दिलाते दिलाते..!!
हो सके तो अब के कोई सौदा न करना,
मैं पिछली मोहब्बत में सब हार आया हूँ………
छुप के आता है कोई हर रात मेरे ख्वाब सजाने,
फूल हर सुबह महकते है सिरहाने मेरे …
हमारे अलावा किसी और को अपना इश्क़ बना कर देख लो…
आपकी हर धड़कन कहेगी उनकी वफ़ा मैं कुछ और बात थी…!!