क्या खूब मोहब्बत है तेरी…
तोड़ा भी हमें छोड़ा भी हमें …
Category: Shayri-E-Ishq
नजर अंदाज क्यू
प्यार है तो नजरअंदाज क्यू करते हो…
नहीं है तो हम पर नजरें क्यू रखते हो..
ना मोहब्बतें संभाली
ना मोहब्बतें संभाली गई ना ही नफरतें पाली गई है
बड़ा अफ़सोस उस जिंदगी का जो तेरे पीछे
खाली गई…!!
चाँद ने की होगी
चाँद ने की होगी सूरज से महोब्बत इसलिए तो चाँद मैं दाग है मुमकिन है
चाँद से हुई होगी बेवफ़ाई इसलिए तो सूरज मैं आग है……
तेरी हर बात पे
काली रातों को भी रंगीन कहा है मैंने
तेरी हर बात पे आमीन कहा है मैंने…..
नजर आये कैसे
अपने चहरे से जो ज़ाहिर है छुपायें कैसे
तेरी मर्जी के मुताबिक़ नजर आये कैसे
किरदार की मोहताज नहीं
तेरे वादे तेरे प्यार की मोहताज नहीं
ये कहानी किसी किरदार की मोहताज नहीं
छोड़ा भी हमें ।
क्या खूब
मोहब्बत
की तुमने
तोड़ा भी हमें
छोड़ा भी हमें ।।।
जन्नत का पता नहीं
लोग कहते हैं ज़मीं पर किसी को खुदा नहीं मिलता,शायद उन लोगों को दोस्त कोई तुम-सा नहीं मिलता……!!किस्मतवालों को ही मिलती है पनाह किसी के दिल में,यूं हर शख़्स को तो जन्नत का पता नहीं मिलता……….!!अपने सायें से भी ज़यादा यकीं है मुझे तुम पर,अंधेरों में तुम तो मिल जाते हो, साया नहीं मिलता……..!!इस बेवफ़ा ज़िन्दगी से शायद मुझे इतनी मोहब्बत ना होतीअगर इस ज़िंदगी में दोस्त कोई तुम जैसा नहीं मिलता…!!
पहचानती तो है…
हमेँ देख कर उसने,मुह मोड लिया……
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तसल्ली सी हो गयी,,कि चलो,पहचानती तो
है…..