हर बात पे रंजिश, हर बात๑☆╮
पे हिसाब ______
╰✰๑लगता है मैंने इश्क नहीं๑☆╮
नोकरी कर ली
Category: Shayri-E-Ishq
बहुत थक जाता है
बहुत थक जाता है इंसान आशक़ी के बाजार में
इश्क के हिस्से में भी एक इतवार आना चाइये
प्यार से इस्तीफा
तुम नफरतो के धरने पर कयामत तक बैठो
मै अपने प्यार से इस्तीफा कभी नही दूंगा.!!!
जी न सके हम
यूँ तो जी रहे है सारी उम्र जीनी है लेकिन,
जीने की तरह जी न सके हम..।।
सारी बरकत है
जलने वालों की दुआ से ही सारी बरकत है….वरना…
अपना कहने वाले लोग तो याद भी नहीं करते….!!!!
मोहब्बत बढती जाएगी…
मेंने तुझसे कब
माँगा,
अपनी वफाओ का सिला…
तूम बस दर्द देते जाओ ,
मोहब्बत
बढती जाएगी…
मुफ़लिसी हालात में
मुफ़लिसी हालात में
रहते वक्त बड़ी हिमाक़त से गुजरा
आज वही लोग प्यार से पास
बिठाकर मान करते मेरा
इश्क़ है तो
दोस्तो कह दो
लड़कियो से इश्क़ है तो शक कैसा..?
अगर नहीं है तो फिर हमारा
हक़ कैसा….?
देखने का नजरिया
देखने का नजरिया
सही होना चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे स्कूल की पहली घंटी से
नफरत होती है पर वही घंटी जब दिन की आखरी हो तो सबसे
प्यारी लगती है…
ज़मीन वालों की
कोई वकालत नहीं
चलती ज़मीन वालों की ,
जब कोई फैसला आसमान से उतरता है
..!!