वास्ता नही रखना तो..
फिर मुझपे..
नजर क्यूं रखता है?
मैं किस हाल में
जिंदा हूँ…
तू ये सब..
खबर क्यूं रखता है..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वास्ता नही रखना तो..
फिर मुझपे..
नजर क्यूं रखता है?
मैं किस हाल में
जिंदा हूँ…
तू ये सब..
खबर क्यूं रखता है..!!
परिणामो की चिंता करना हमारा कार्यक्षेत्र नहीं हे..
.
.
हम तो सिर्फ कार्य करने के लिए उत्तरदायी हे…
……
हर कोई मुझे जिंदगी जीने का तरीका बताता है,
.
उन्हें कैसे समझाऊ एक ख्वाब अधुरा है ….
वर्ना जीना मुझे भी आता था…..
…..
मेरा तो कुछ न हुआ हाथ जल गए उसके
बुझा रहा था जो मुझको बड़ी
सफ़ाई से..
हिम्मत
इतनी थी समुन्दर भी पार कर सकते थे
मजबूर इतने हुए कि दो बूँद आँसुओं
ने डुबो दिया..!!
आज तो
जिंदगी के मजे करो,
क्योकि जिंदगी नही मिलेगी
Hamari Kahani Sun Saki Ki Bhi Aankhon
Main Aansoo Aa Jate Hain, Saare Maikhane Ki
Sharab Peekar Bhi Hum Nashe Main Nahi Aate
Hain, Kya Karein Saki Ab To Itni Jyada Peene
Lage Hain, Kay Hum Maikhane Main Bhi
Darwaje Se Lauta Diye Jate Hain…
रास्ता ‘खूबसूरत’ है
तो
पता कीजिये..
किस ‘मंज़िल’ की तरफ जाता
है!
लेकिन,
अगर ‘मंज़िल’ खूबसूरत हो तो
कभी रास्ते की ‘परवाह’
मत कीजिये |
जहाँ दूसरे को समझाना मुश्किल हो जाये,
वहाँ खुद को समझा लेना बहतर होता है ।
हालात कर देता है भटकने
पर मजबूर……………..
घर से निकला हुआ हर शख्स
आवारा नही होता ………….