अपनी तो यारो बस इतनी सी कहानी है;
कुछ तो खुद से ही बर्बाद थे;
कुछ इश्क की मेहरबानी है।
Category: Shayari
रोज़ वो ख़्वाबों में
रोज़ वो ख़्वाबों में आते हैं गले मिलने को,
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है किस्मत मेरी…
सस्ता न समझ
सस्ता न समझ ये इश्क़ का सौदा पगली..
तेरी हँसी के बदले पूरी जिंदगी दे रहा हूँ..!”
हम दर्द सहते हैं
शुक्र करो कि हम दर्द सहते हैं,
लिखते नहीं ।
वरना कागजों पर लफ़्ज़ों के जनाज़े उठते ॥
हकिकत से बहोत
हकिकत” से बहोत दूर है,
“ख्वाहिश” मेरी..!!!
फिर भी एक “ख्वाहिश” है
कि एक ख्वाब “हकिकत” हो
जाये..!
वक्त सीखा देता है
वक्त सीखा देता है
फलसफा जिंदगी
का
फिर
नसीब क्या !
लकीर क्या !!
तकदीर क्या !!!
ज़हन में रखना
बदल जाओ भले तुम पर ये ज़हन में रखना..कही
पछतावा ना बन जाए हम से बेरुखी इतनी.
शुक्र है कि ये
शुक्र है कि ये दिल…सिर्फ़ धड़कता है…अगर
बोलता…तो कयामत आ जाती….
इजाज़त है तुम्हे
भूल सकते हो तो भूल जाओ इजाज़त है तुम्हे….
न भूल पाओ तो लौट आना एक और भूल की इजाज़त है तुम्हें…..
मर्जी वफा कर लो
कुछ नही मिलता जितनी मर्जी वफा कर लो किसी से…
मेरे दोस्त…
जब वक़्त वफ़ा ना करे तो….
वफादार भी बेवफा हो जाता है.