छू ना सकूँ आसमान ना सही
सबके दिलों को छू जाऊँ तमन्ना बस इतनी सी है
Category: Shayari
खुद पे नाज़ करना
खुद पे नाज़ करना तुम्हारा हक़ है..,
क्योंकि…..
.
मैं तो नसीब वालों को ही
याद करता हूँ।
वास्ता नहीं रखना
वास्ता नहीं रखना तो नज़र क्यों रखते हो,,,
किस हाल में हु जिंदा , खबर क्यों रखते हो… ..!!
हम ख़ुशबू जैसे
हम ख़ुशबू जैसे लोग है,
बस बिखरे-बिखरे रहते हैं.
एक मशवरा है
बिछड़ने वाले, तेरे लिए एक मशवरा है
कभी हमारा ख्याल आए तो अपना ख्याल रखना।
वो जा रहे थे
वो जा रहे थे और मैं खामोश खड़ा देखता रहा,
बुज़ुर्गों से सुना था कि पीछे से आवाज़
नही देते……
अब सज़ा दे
अब सज़ा दे ही चुके हो तो मेरा हाल ना पूछना,
गर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा…
हल्ला मचाते है
तुझे याद करता हूँ तो हर दर्द से निजात
मिलती है…!!
लोग यू ही हल्ला मचाते है
की दवाईयाँ महँगी हो गयी है…
किसी का गम !
हमको ख़ुशी मिल भी गई तो कहा रखेगे हम !
आँखों में हसरतें है तो दिल में किसी का गम !
सुधर पाये हम
हुऐ बदनाम, मगर फिर भी ना… सुधर पाये हम,
फिर वही शायरी…फिर वही इश्क…और फिर वही तुम…..!!