Badalne Ko To Inn Aankhon Ke Manjar Kam
Nahi Badle, Tumhari Yaad Ke Mausam
Humare Gam Nahi Badle,
Tum Agle Janm Me Humse Milogi Tab Ye
Manogi….Jamane Aur Sadi Ki Iss Badal Me
Hum Nahi Badle..
Category: Shayari
हम तो मरेंगे
हम तो मरेंगे भी उस अंदाज से,
जिस अंदाज में लोग जीने को तरसते हे……
हर रिश्ते का नाम
हर रिश्ते का नाम जरूरी नहीं होता,
मेरे दोस्त…….
कुछ बेनाम रिश्ते,
रुकी जिंदगी को साँस देते है…
मुसीबतों से उभरती है
मुसीबतों से उभरती है शख्सियत यारो…
जो चट्टानों से न उलझे वो झरना किस काम का…
रिश्तों में विश्वास
अपनी कमजोरियां उन्ही लोगों को बताइये,
जो हर हाल में आपके साथ मजबूती से खड़े होना जानते है”
” क्यूँकि रिश्तों में विश्वास
,
और मोबाईल में नेटवर्क ना हो,
.
.
तो लोग Game खेलना शुरू कर देते हैं !!
जॊ मक्खन लगाता है
हमारा तजुर्बा हमकॊ सबक ये सिखाता है,
की जॊ मक्खन लगाता है चूना भी वॊ ही लगाता है॥
प्रेम से देती है
प्रेम से देती है, वह है “बहन”
झगङकर देता है, वह है “भाई”
पुछकर देता है, वह है “पिताजी”
और बिना माँगे सबकुछ दे देती है
वह है…”माँ'”
Yeh Bhhegi Palkein
Woh Baad Muddat Ke Jab Mila To Uss Ne Poocha ..
Yeh Khushk Zulfein ..
Yeh Bhhegi Palkein ..
Yeh Dasht Aankhein ..
Yeh Kaasni Lab ..
Kidhar Ganwa Diye ..?
Woh Shokh Aankhein ..
Woh Narm Baatein ..
Woh Surkh Aariz..
Woh Garm Saansein ..
Woh Khil Ke Hansna ..
Woh Chahchahana ..
Kya Hua Hai.. ?
Kidhar Gaye Sab.. ?
To Main Yeh Bola ..
Mohabbaton Ka Asool Hai Yeh,
Aur Wafa Ka Sila Yahi Hai,
Luta Ke Sapney,
Ganwa Ke Aankhein,
Mohabbaton Mein Mila Yahi Hai.
Laakh samjhaya magar nahin maane,
Woh Jaan-Jaan kahte thhey ;
Jaan lekar hi maane.
खुद मुझे लिखा है
“माँ ” के लिए क्या लिखू ?
“माँ ” ने खुद मुझे लिखा है ..
फ़ासले इस कदर हैं
फ़ासले इस कदर हैं रिश्तों में,
घर ख़रीदा हो जैसे क़िश्तों में