बहुत अजीब हैं ये बंदिशें मोहब्बत की…
कोई किसी को टूट कर चाहता है,
और कोई किसी को चाह कर टूट जाता है..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बहुत अजीब हैं ये बंदिशें मोहब्बत की…
कोई किसी को टूट कर चाहता है,
और कोई किसी को चाह कर टूट जाता है..!!
अपने लुटने का मुझको रंज नहीं, गम अगर है तो सिर्फ इतना,मेरे किरदार की शराफत से उसने जो फायदा उठाया हैं।
मैं शैतान हूँ
कम से कम तब,
जब तुम मेरे सामने भगवान
बनने की कोशिश करो
गैरों से पूछती है तरीके निजात के
अपनों की साजिशों से परेशान जिन्दगी|
ये कैसी कसक बांके मेरे दिल को लगा दी है
मैंने रो रो कर तुम्हे हंसने की दुआ दी है …
मैं इस तलाश में बरसों से सो नहीं पाया
के मेरी नींद न जाने कहाँ पे रखी है|
तुम बदले तो मजबूरियाँ थी…
हम बदले तो बेवफ़ा हो गए…!
मेरी बातों से कुछ सबक़ भी ले ..मेरी बातों का कुछ बुरा भी मान ..
चले गये तो पुकारेगी हर सदा हमको,
न जाने कितनी ज़बानों से हम बयां होंगे|
आंखें अपनी साफ़ तो रखिये ज़रा..
उन में खुद को देखता है आइना.!