पत्तें से गिरती बून्द हो या गीले बालों से…
मौसम का असर तो दोनों पर ही जवां हैं..
Category: Shayari
दबे पाँव आती रही
दबे पाँव आती रही यादें सब तुम्हारी,
एक बार भी यादों के संग तुम नहीं आये…
जिंदगी से यही गिला है
जिंदगी से यही गिला है मुझे ,
वो बहुत देर से मिला है मुझे ..
भांप ही लेंगे
भांप ही लेंगे, इशारा सरे महफ़िल जो किया…..!
ताड़ने वाले क़यामत की नज़र रखते हैं….
कितने चालाक है
कितने चालाक है कुछ मेरे अपने भी …
उन्होंने तोहफे में घड़ी तो दी …
मगर कभी वक़्त नही दिया…!!!
कागज़ कलम मैं
कागज़ कलम मैं तकिये के पास रखता हूँ,
दिन में वक्त नहीं मिलता,मैं तुम्हें नींद में लिखता हूँ..
हम उसके बिन हो गये है
हम उसके बिन हो गये है सुनसान से,
जैसे अर्थी उठ गयी हो किसी मकान से !!
तुम रूक के नहीं
तुम रूक के नहीं मिलते हम झुक के नहीं मिलते
मालूम ये होता है कुछ तुम भी हो कुछ हम भी|
मिट्टी का बना हूँ
मिट्टी का बना हूँ महक उठूंगा…
बस तू एक बार बेइँतहा ‘बरस’ के तो देख……
जीत कर मुस्कुराए तो
जीत कर मुस्कुराए तो क्या मुस्कुराए
हारकर मुस्कुराए तो जिंदगी है….