ये भी क्या सवाल हुआ कि इश्क़ कितना चाहिए,
.दिल तो बच्चे की तरह है मुझे थोड़ा नहीं सब चाहिए !!
Category: Shayari
आँखों की दहलीज़ पे
आँखों की दहलीज़ पे आके सपना बोला आंसू से…
घर तो आखिर घर होता है…
तुम रह लो या मैं रह लूँ….
आँखों की दहलीज़ पे
आँखों की दहलीज़ पे आके सपना बोला आंसू से…
घर तो आखिर घर होता है…
तुम रह लो या मैं रह लूँ….
कोशिश तो बहुत
कोशिश तो बहुत करता है तू की भूल जाए उसे.
मगर मुमकिन कहाँ है कि आग लगे और धुंवा ना हो..
अब अपना मुझको
अब अपना मुझको कौन लगे
शब्दों से प्यारा मौन लगे…..
तुम दूर..बहुत दूर हो
तुम दूर..बहुत दूर हो मुझसे.. ये तो जानता हूँ मैं…
पर तुमसे करीब मेरे कोई नही है.. बस ये बात तुम याद रखना…
अपने वजूद पर
अपने वजूद पर इतना न इतरा ए ज़िन्दगी..
वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है!!
तुम्हारी याद की
तुम्हारी याद की शिद्दत में बहने वाला अश्क
ज़मीं में बो दिया जाए तो आँख उग आए..!!
तुमसे ऐसा भी
तुमसे ऐसा भी क्या रिश्ता हे?
दर्द कोई भी हो.. याद तेरी ही आती हे।
लोगो ने कुछ दिया
लोगो ने कुछ दिया, तो सुनाया भी बहुत कुछ
ऐ खुदा.. एक तेरा ही दर है, जहा कभी ताना नहीं मिला!!