सब कुछ है

सब कुछ है नसीब में, तेरा नाम नहीं है
दिन-रात की तन्हाई में आराम नहीं है

मैं चल पड़ा था घर से तेरी तलाश में
आगाज़ तो किया मगर अंजाम नहीं है

मेरी खताओं की सजा अब मौत ही सही
इसके सिवा तो कोई भी अरमान नहीं है

कहते हैं वो मेरी तरफ यूं उंगली उठाकर
इस शहर में इससे बड़ा बदनाम नहीं है….

पहले कभी ये यादें

पहले कभी ये यादें ये तनहाई ना थी,
कभी दिल पे मदहोशी छायी ना थी,
जाने क्या असर कर गयीं उसकी बातें,
वरना इस तरह कभी याद किसी की आयी ना थी।

दोनों आखों मे

दोनों आखों मे अश्क दिया करते हैं
हम अपनी नींद तेरे नाम किया करते है
जब भी पलक झपके तुम्हारी समझ लेना
हम तुम्हे याद किया करते हैं

हम जिनके दीवाने है

हम जिनके दीवाने है वो गैरों के गुण गाते थे,
हमने कहा आपके बिन जी ना सकेंगे,
तो हंस के कहने लगे,
के जब हम ना थे तब भी तो जीते थे..

तुझे भूलकर भी

तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम,
बस यही एक वादा निभा पायेगें हम,
मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन,
तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम.